NEELAM GUPTA

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लेखनी प्रतियोगिता -08-Dec-2021 वो बारिश।

बारिश जोरों पर थी ,थमने का नाम नही ले रही थी।
सट्रीट लाईट मे बुंदे चमक रही थीं।साथ में यादों का सैलाब आँखों से बहे जा रहा था।"आखिर क्या गलती थी मेरी।जो तुम बिसरा कर चले गए।एक बार तो मेरे मन को जान लेते" तुम मेरे रोशनमय जीवन मे काली घटा की तरह घिरकर अंधेरा कर गये। हम दोनो को कितना पसंद था बारिश में भीगना, भीगते भीगते कब एक-दूसरे की बाहों मे सिमट जाते थे पता ही नहीं चलता था। मेरे चेहरे से गीले बाल हटाकर अपनी उंगलिया से मेरे कान के पीछे कर मेरा माथा चूम लेते थे ।मै शर्माकर और निकट तुमसे कसकर लिपट जाती थी। कुछ होश नही रहता था। होश तो जब आया जब हमारे रिश्ते के ऊपर  बिजली गिरी।

तभी  किसी ने तेजी से हार्न बजाया ,मिताली एकदम उस सोच से बाहर निकली! Sorry sorry, अभी गाड़ी आगे करती हूं।
मिताली ने गाडी़ साईड की और  एक गहरी सांस लेकर ,और स्टेरिंग पर सिर रखकर सुस्ताने लगी।ऊफ! मैं क्या करने जा रही थी,यदि आज मुझे कुछ हो जाता तो,विवान को कौन सम्भालता ।"अभी तो केवल चार साल का हैं'।मिताली ने अपने आप को झझकोरा "इतनी नादान कैसे हो सकती हूँ मैं"

सिर्फ अपने बारे मे सोचा।अब मैं अकेले नहीं हूँ एक बच्चे की भी जिम्मेदारी सौंपी है भगवान ने मुझे।
उसको तो मालूम ही नही था मैं मां बनने वाली हूं।सब हुआ ही इतना अचानक कि मैं कुछ समझ पाती वह सारे रिश्ते तोड़ कर चला गया। अचानक से मेरा कालिज का पुराना दोस्त मुझसे मिलने आ गया।'और उसने हमें आपस मे बात करते देख गलत समझा'

मुझ पर जरा भी विश्वास नहीं किया उसने।मैं किसी से बात भी करूँ यह गवारा नही था उसे।

तभी एक गाड़ी उसके नजदीक रूकी। may i help you .hyy.. you मैं तुम से ही कह रहा हूँ।कोई परेशानी हैं।

मिताली सोच से बाहर निकली नही सर i am ok .
मुझे मदद की जरुरत नहीं हैं।

प्लीज संकोच मत कीजिये कोई जरूरत हो तो बता दीजिये। बारिश का कोई भरोसा नहीं कब रूके।चारों तरफ पानी भी भर गया हैं।रात भी होने वाली हैं।

आप को कोई दिक्कत तो नहीं होगी।

नही नही आपकी मदद कर मुझे खुशी होगी।

बारिश के कारण मेरी गाड़ी रूक गई हैं।

मैं देख लेता हूँ। मिताली छाता लेकर निकली और उस आदमी के ऊपर छाता कर दिया कभी उसके ऊपर कभी अपने ऊपर ।साथ में मोबाइल की लाइट जला उसकी हेल्प करने लगी।

सटार्ट नहीं हो रही हैं ओह! कोई बात नहीं मैं आपको आपके घर छोड़ देता हूँ। गाडी को मैकेनिक आकर  ठीक कर देगा और आपके घर छोड़ देगा।मैं अभी उसे फोन कर देता हूँ।

"आपका बहुत बहुत धन्यवाद "

मिताली ने आभार प्रकट किया।

मिताली सकुचाई सी अपनी गाड़ी छोड़ उस आदमी की गाड़ी में चुपचाप बैठ गई।और कोई राह उसे नहीं सूझ रही थी।

"लाकडाउन का समय भी होने वाला था"

तुम्हारा नाम क्या है?

आदर्श । "अभी कुछ दिनों पहले ही इस शहर मे आया हूँ"।

Nice name.

हाँ और आप बताईये ।

मैं मिताली एक प्राईवेट कम्पनी मे जाब करती हूँ।

तभी मिताली का घर आ जाता है।

Thanks.आपने मेरी मदद की।

तुम चिंता मत करना गाड़ी सही होकर पहूंच जाएगी।

Ok thanks again.

मिताली बारिश में भीग चुकी थी।।वह जल्दी जल्दी घर मे गयीं ,उसे देखते ही विवान उससे आकर लिपट गया।'मम्मा आप कहा रह गयीं कितनी देर हो गयीं,

बस बेटा मम्मा आ गई ना। मिताली आसुओं की बारिश मे भीग रही थी। और विवान को भी ममता से पुचकार रही थी। किसी अनजाने इंसान ने उसकी मदद की।मुझे उस घनघोर बारिश से बाहर निकाल कर ,एक वो अपना होकर भी अपना न हो सका,और जिन्दगी के तूफानों से अकेले लड़ने के लिए छोड़ गया।

नीलम गुप्ता नजरिया दिल्ली।


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13 Comments

Chirag chirag

09-Dec-2021 06:08 PM

Nice

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Shrishti pandey

09-Dec-2021 08:04 AM

Bahut sundar

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NEELAM GUPTA

09-Dec-2021 10:23 AM

आपका बहुत-बहुत आभार

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Swati chourasia

08-Dec-2021 07:55 PM

Very beautiful 👌

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NEELAM GUPTA

08-Dec-2021 10:56 PM

आपका बहुत-बहुत आभार

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